Sunday, July 13, 2025

पौराणिक कथा - भगवान् भोलेनाथ ने किया बधिक का कल्याण

पौराणिक कथा

भगवान् भोलेनाथ ने किया बधिक का कल्याण 
**********  















प्रतीकात्मक चित्र साभार NightCafe 

भगवान् भोलेनाथ (शिवजी) कल्याण के परमदाता हैं। वे अपने भक्तों की भावनाओं को तुरंत समझते हैं और उन्हें त्वरित फल प्रदान करते हैं।

बहुत प्राचीन समय की बात है। एक बधिक (शिकार करने वाला) प्रतिदिन की भाँति वन में शिकार हेतु गया। दुर्भाग्यवश, उस दिन उसे कोई शिकार नहीं मिला। भूख और थकान से व्याकुल वह बधिक निराश होकर वन में भटक रहा था। तभी उसकी दृष्टि एक प्राचीन शिव मंदिर पर पड़ी।

संयोग से उस दिन महाशिवरात्रि थी। कुछ पाने की आशा में वह मंदिर के भीतर प्रवेश कर गया। उसने देखा कि शिवलिंग के ऊपर सोने का एक सुंदर छत्र लटका हुआ है। वह लोभ में आ गया और उस छत्र को उतारने के लिए सीधा शिवलिंग पर चढ़ गया।

परन्तु भगवान् शिव, जो भोलेनाथ हैं, उन्होंने उस घटना को कुछ और ही रूप में ग्रहण किया। उन्होंने समझा कि वह व्यक्ति स्वयं को भगवान को समर्पित कर रहा है — पूर्ण आत्मसमर्पण। इस निष्कलंक भावना को देखकर शिवजी उसी क्षण प्रकट हुए और बधिक को दर्शन देकर उसे वरदान प्रदान किया।

सीख

भगवान् भोलेनाथ अत्यंत सरल, दयालु और उदार हृदय हैं। वे भाव के भूखे हैं, औपचारिकता के नहीं। यदि हम सच्चे मन से उनका स्मरण और आराधना करें, तो वे अवश्य ही कृपा करते हैं।

सादर,
केशव राम सिंघल 


No comments: