Saturday, November 24, 2018

*बच्चे की जिज्ञासा* - *भगवान का आकार क्या है?*



*बच्चे की जिज्ञासा*

*भगवान का आकार क्या है?*

'भगवान का आकार क्या है?' एक बच्चे ने अपने पिता से पूछा. पिता ने आकाश की ओर देखा और एक उड़ते हवाई जहाज की ओर इशारा कर बेटे से प्रतिप्रश्न किया, 'उस हवाई जहाज का आकार कैसा दिखता है?' बच्चे ने उत्तर दिया, 'यह बहुत छोटा है. एक पक्षी के बराबर दिखता है.' इसके बाद पिता उस बच्चे को हवाई अड्डे पर ले गए और वहाँ उन्होंने एक हवाई जहाज बच्चे को दिखाया और पूछा, 'और अब इसका आकार क्या है?' बच्चे ने उत्तर दिया, 'वाह पिताजी, यह तो बहुत बड़ा है!' यह सुनकर पिता ने उससे कहा, 'भगवान भी ऐसा ही है. उसका आकार तुम्हारे और उसके बीच की दूरी पर निर्भर करता है. तुम उसके जितने नजदीक होगे, उतना बड़ा वह तुम्हारे जीवन में होगा !' (साभार - सोशल साइट, लेखक अज्ञात) 

यह भगवान और आपके बीच की दूरी पर निर्भर करता है। तुम्हारे अंतःकरण में वह जितना पास, उतना बड़ा है वह। 

ॐ तत् सत्!

सादर,
केशव राम सिंघल


#077 - *गीता अध्ययन एक प्रयास*


#077 - *गीता अध्ययन एक प्रयास*

*ॐ*
*जय श्रीकृष्ण*


*गीता अध्याय 8 - अक्षरब्रह्मयोग*

अर्जुन के मन में कुछ जिज्ञासाएं उत्पन्न होती है अतः वे श्रीभगवान कृष्ण से कुछ प्रश्न पूछते हैं, जिनका श्रीभगवान कृष्ण समाधान करते हैं, जो गीता अध्याय 8 में वर्णित है.

*अर्जुन उवाच -*
8/1
*किं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरषोत्तम !*
*अधिभूतं च किं कथं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते !!*


8/2
*अधियज्ञः कथं कोअत्र देहस्मिन्मधुसूदन !*
*प्रयाणकाले च कथं ज्ञेयोअसि नियतात्मभिः !!*


*भावार्थ*

अर्जुन श्रीकृष्ण भगवान से प्रश्न करते हैं -
हे पुरषोत्तम (श्री कृष्ण) ! वह ब्रह्म क्या है? अध्यात्म क्या है? कर्म क्या है? अधिभूत कइसेकहते हैं? अधिदैव कौन है? (8/1) यहां अधियज्ञ (यज्ञ का स्वामी) कौन है? और वह इस देह (शरीर) में कैसे है? हे मधुसूदन (कृष्ण) ! मृत्यु के समय नियत आत्मसंयमी (परमात्मा की भक्ति में लगा व्यम्ति) आपको कैसे जान पाता है? (8/2)

इस प्रकार इन दो श्लोकों के माध्यम से अर्जुन भगवान श्री कृष्ण से सात प्रश्न करते हैं.

सादर,

केशव राम सिंघल