Sunday, May 29, 2016

"स्मार्ट सिटी - सपने और खतरे“ विषय पर पीयूसीएल अजमेर द्वारा आयोजित विचार संगोष्ठी


'स्मार्ट सिटी केवल शब्दों का जाल है' - डाॅ. प्रीति सम्पत

अजमेर, 28 मई, 2016

'स्मार्ट सिटी केवल एक शब्दों का जाल है जिसके द्वारा जनता को कोरे सपने दिखाए जा रहे हैं।' ये विचार दिल्ली स्कूल आॅफ इकाॅनोमिक्स की प्रोफेसर प्रीति सम्पत ने व्यक्त किये।

पीपुल्स युनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) द्वारा मनीषी समरथदान पत्रकार भवन में ”स्मार्ट सिटी सपने और खतरे“ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में प्रीति सम्पत ने कहा कि आकर्षक अंग्रेजी नामों वाली विभिन्न परियोजनाओं के सपने दिखाकर पूंजीपतियों के हित साधने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसका शहर, गाॅव व कस्बा सुविधाओं से पूर्ण हो। बिजली, पानी, सफाई, सड़क, सुरक्षा आदि बुनियादी जरूरते हैं जो हर व्यक्ति सुविधापूर्वक चाहता है। ”स्मार्ट सिटी“ में भी यही मुहैया करवाया जाएगा लेकिन इन सबके लिए जनता को शुल्क देना पड़ेगा। टैक्स के बोझ से दबी जनता को ये बुनियादी सुविधाएॅ पाने के लिए अतिरिक्त शुल्क लेकर विदेशी कम्पनियों को पैसा पहुॅचाने के लिए यह खेल रचा जा रहा है। उन्होंने औद्योगिक काॅरीडोर, स्पेशल इकाॅनोमिक जोन, स्पेशल इकाॅनोमिक रीजन, स्मार्ट सिटी आदि परियोजनाओं को ग्लोबल कम्पनियों को जमीन और अधिकार सौपने का षडयंत्र बताया।

संगोष्ठी में पी.यू.सी.एल. राजस्थान की अध्यक्षा सुश्री कविता श्रीवास्तव ने कहा कि स्मार्ट सिटी में एक सी.ई.ओ. (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) को सारे अधिकार सौप दिये जाएंगे तथा जनप्रतिनिधियों व जनता की भूमिका नगन्य होगी। इस प्रकार देश के लोकतंत्र की समाप्ति का खतरा है।

राज्य महासचिव डाॅ. अनन्त भटनागर ने कहा कि देश के हर शहर का अधिकार है कि वह सुविधा सम्पन्न हो। सरकार अपनी बुनियादी सुविधाओं को कुछ शहरों तक सीमित रख विभेद पैदा कर रही है। शहर, गाॅव या कस्बा सभी को सुविधाएं चाहिए। शहरों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करना जनता को विभाजित करना है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डी.एल.त्रिपाठी ने कहा कि हर शहरी की तरह हम अपने शहर को विकसित होते देखना चाहते हैं। यदि लोकतंत्र को ताक में रखकर ऐसी योजना बनाई जाएगी तो गरीब लोगों का शहरों में रहना मुश्किल हो जाएगा।

संगोष्ठी में केशव राम सिंघल, राजकुमार नाहर, एस.एन. जोशी, रमेश लालवानी, आरिफा, अर्चना शर्मा, अंजु नयाल, सिद्ध भटनागर, यशिका शर्मा, प्रतापसिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किये। जिला इकाई अध्यक्ष ओ.पी.रे ने स्वागत भाषण दिया तथा महासचिव सिस्टर केरोल गीता ने आभार व्यक्त किया।



(साभार - प्रेस नोट, पीयूसीएल, अजमेर इकाई)